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अकबर बीरबल के किस्से - भाग 37

मुल्ला नसरुदीन और गिटार


एक बार मुल्ला गाँव के बीच में चौपाल में बैठा हुआ था कि लोगो के एक समूह को उस से मस्ती करने की सूझी । लोगो ने उस से पूछा कि मुल्ला हमने सुना है तुम्हे गिटार भी बजाना आता है । मुल्ला ने कहा ” तुम लोग ने सही सुना है मुझे आता है ।” जबकि मैं तो दुनिया का सबसे अच्छा गिटार बजा सकता हूँ ।

मुल्ला ने ऐसा कहा जबकि उसे नहीं आता था इसलिए मुल्ला के हाँ कहने पर लोगो ने सोचा ये अच्छा मौका है मुल्ला का मजाक बनाने का क्योंकि वह अक्सर ऊट पटांग बाते करता रहता है जबकि अपने तर्क की वजह से हर बार बच निकलता है । इसलिए लोगो ने उसे उसी वक्त गिटार लाकर दे दिया कि वो उन्हें बजाकर दिखाए ।

मुल्ला ने गिटार हाथ में लिया और गिटार की एक ही तार को लेकर बजाने लगा इस पर काफी देर तक उसे ऐसा करते देखते हुए लोगो ने कहा मुल्ला गिटारवादक तो इन सारी तारों का इस्तेमाल करते हुए धुनें बजाया करते है जबकि तुम केवल एक ही तार का उपयोग कर रहे हो ।

मुल्ला ने जवाब दिया वो लोग गिटार में सही धुन की खोज में तरह तरह की तारों का इस्तेमाल करे है जबकि मैंने पहले से ही उस धुन को खोज लिया है तो मैं उन जैसे क्यों करू ।

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